आईएलआईएमएस

डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) पर संक्षिप्त नोट

Iएक उचित एकीकृत भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए जिससे अन्य के साथ-साथ भूमि की रियल टाइम सूचना में सुधार होगा, भूमि संसाधनों का इष्टतम उपयोग होगा, भू-स्वामियों और खरीदारों को लाभ होगा और नीति और आयोजना में सहायता मिलेगी, एक केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के रूप में राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (एनएलआरएमपी) वर्ष 2008-09 में शुरू किया गया था। इसे डिजिटल इंडिया पहल के तहत शामिल किया गया है और 1 अप्रैल, 2016 से इसका कार्यान्वयन शत प्रतिशत अनुदान के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र स्कीम के रूप में इसे डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तौर पर किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में देश में एक उचित एकीकृत भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली तैयार करने की परिकल्पना की गई है।

डीआईएलआरएमपी के तहत वर्तमान में मुख्यतः निम्नलिखित कार्यकलाप किये जा रहे हैं:
(i) अधिकारों के अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण
(i) अधिकारों के अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण
(iii) अधिकारों के अभिलेखों (लिखित) और भूकर मानचित्रों (स्थानिक) का समेकन
(iv) सर्वेक्षण/पुनर्सर्वेक्षण
(v) आधुनिक अभिलेख कक्ष
(vi) तहसील, उप-मंडल और जिला स्तर पर डाटा केन्द्र
(vii) राज्य डाटा केन्द्र
(viii) राजस्व कार्यालयों को एक दूसरे से जोड़ना
(ix) रजिस्ट्रीकरण का कंप्यूटरीकरण
(x) सब रजिस्ट्रार कार्यालयों और राजस्व कार्यालयों को एक दूसरे से जोड़ना
(xi) रजिस्ट्रीकरण और भूमि अभिलेखों का समेकन।