व्यावसायिक नियमों का आवंटन

व्यवसाय नियमों के आबंटन के अनुसार मुख्य कार्य और उद्देश्य

  • भूमि सुधार, भू-धृति, भू-अभिलेख, भूमि जोतों का समेकन तथा अन्‍य संबंधित मामले।
  • भूमि अर्जन अधिनियम, 1894 (1894 का 1) तथा संघ के उद्देश्‍यों के लिए भूमि अर्जन से संबंधित मामलों का प्रशासन।
  • भूमि राजस्‍व के बकाया सहित कर तथा अन्‍य सार्वजनिक मांगों के संबंध में राज्‍य में दावों की वसूली तथा संबंधित राज्‍य के बाहर उत्‍पन्‍न होने वाले ऐसे बकाया के रूप में वसूली गई राशि।
  • भूमि अर्थात् लगान एकत्र करना, भूमि का अंतरण और हस्‍तांतरण, भूमि सुधार तथा गैर-कृषि भूमि या भवनों के अर्जन को छोड़कर कृषि ऋण, शहरी योजना सुधार।
  • भू-राजस्‍व, जिसमें राजस्‍व का आकलन और एकत्रीकरण, राजस्‍व प्रयोजनों का सर्वेक्षण, राजस्‍व हस्‍तांतरण।
  • कृषि भूमि का उत्‍तराधिकारी के संबंध में कर्तव्‍य।
  • राष्‍ट्रीय बंजर भूमि विकास बोर्ड।
  • राष्‍ट्रीय भूमि प्रयोग और बंजरभूमि विकास परिषद।
  • राष्‍ट्रीय भूमि प्रयोग और बंजरभूमि विकास परिषद।
  • गैर-वन भूमि, जिसमें निजी बंजरभूमि शामिल है, पर ईंधन लकड़ी, चारा तथा इमारती लकड़ी के उत्‍पादन को बढ़ाना।
  • बंजरभूमि की उत्‍पादकता को स्‍थायी रूप से बढ़ाने के लिए उपयुक्‍त कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों का अनुसंधान और विकास करना।
  • प्रशिक्षण सहित बंजरभूमि विकास कार्यक्रम योजना तथा कार्यान्‍वयन में अंतर-विभागीय तथा अंतर-विषयक समन्‍वय करना।
  • जन भागीदारी तथा जन सहयोग को बढ़ावा देना तथा बंजर भूमि विकास के लिए पंचायतों, स्‍वैच्‍छिक और गैर-सरकारी एजेंसियों के प्रयासों का समन्‍वय करना।
  • सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम।
  • मरुभूमि विकास कार्यक्रम ।
  • रजिस्‍ट्रीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का 16) ।
  • राष्‍ट्रीय बॉयो-ईंधन मिशन-

कृषि मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के परामर्श से ग्रामीण विकास मंत्रालय की विभिन्‍न योजनाओं के अंतर्गत बॉयो-ईंधन पौधों के उत्‍पादन, प्रचार तथा बॉयो-ईंधन पौधों का वाणिज्‍यिक पौधरोपण; और बॉयो-ईंधन पौधों के उत्‍पादन के लिए राज्य सरकारों, कृषि मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के परामर्श से गैर-वन बंजरभूमि की पहचान करना।