डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम
भूमि सुधार प्रभाग भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण (सीएलआर) और राजस्व प्रशासन का सुदृढ़ीकरण एवं भूमि अभिलेखों का अद्यतनीकरण (एसआरए एण्ड यूएलएआर) नामक दो केन्द्रीय प्रायोजित स्कीमों का कार्यान्वयन कर रहा था। बाद में 21.08.2008 को मंत्रिमंडल ने इन दोनों स्कीमों को डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) नामक एक से संशोधित स्कीम में मिला दिया। डीआईएलआरएमपी के मुख्य लक्ष्य अद्यतन किए गए भूमि अभिलेखों, ऑटोमेटिड और स्वतः नामांतरण, लिखित और स्थानिक अभिलेखों के समेकन, राजस्व और रजिस्ट्रीकरण के बीच अंतः संयोजकता की प्रणाली शुरु करना, वर्तमान विलेख रजिस्ट्रीकरण और परिकल्पित स्वामित्वाधिकार प्रणाली के स्थान पर स्वामित्वाधिकार गारंटी के साथ निश्चायक स्वामित्वाधिकार की प्रणाली शुरु करना है।
डीआईएलआरएमपी के तीन मुख्य घटक हैं- (क) भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण, (ख) सर्वेक्षण/पूनर्सर्वेक्षण (ग) रजिस्ट्रीकरण का कंप्यूटरीकरण। जिले को कार्यान्वयन की इकाई माना गया है जहां सभी कार्यक्रम कार्यकलाप किए जाने हैं। आशा है कि देश में सभी जिलों में 12वीं योजना अवधि के अंत तक इन्हें लागू कर दिय जाएगा सिवाय उन जगहों के जहां भूकर सर्वेक्षण पहली बार किए जा रहे हैं।